फ़लक पर स्याह बादल आज गहरे हैं छाये

फ़लक पर स्याह बादल आज गहरे हैं छाये
नज़रों को नज़र नहीं आते ममता के साये
थमती नहीं है बारिश इस दिल के आसमां की
थामने को कितने मौसम माँ तेरी यादों के आये
मधु झुनझुनवाला “अमृता”
फ़लक पर स्याह बादल आज गहरे हैं छाये
नज़रों को नज़र नहीं आते ममता के साये
थमती नहीं है बारिश इस दिल के आसमां की
थामने को कितने मौसम माँ तेरी यादों के आये
मधु झुनझुनवाला “अमृता”