तेरी बाहों में दुनिया मेरी

तेरी बाहों में दुनिया मेरी
जब भी तुझे पास महसूस करता हूँ,
सारी फिज़ाओं में रंग घुल जाते हैं।
तेरी साँसों की हल्की सी गर्मी से,
सारे मौसम बहार बन जाते हैं।
तेरी हँसी जब हवा में बिखरती है,
चाँदनी रातें और रोशन हो जाती हैं।
तेरी बातों की वो मीठी नमी,
जैसे बरसात में मिट्टी महक जाती है।
तेरी पलकों के साए में जो सपने हैं,
वो मेरी हर रात की ताबीर बन जाते हैं।
तेरी धड़कनों का जो नग़मा है,
वो मेरी हर सुबह का सवेरा बन जाते हैं।
बस तेरी बाहों में सिमट जाऊँ,
तो दुनिया से कोई मतलब नहीं।
तेरा प्यार ही मेरी पहचान है,
इसके सिवा अब कुछ हसरत नहीं।