Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2024 · 2 min read

सत्य और धर्म

किसी भी समाज की परिस्थिति वातावरण के अनुसार संगठित समुदाय के कुछ नियम कानून होते हैं ,इसे समुदाय कहते हैं — ना की धर्म।
धर्म का मूल तो सनातन शाश्वत है।
सत्य प्रेम ,इंसानियत है ।

**दिव्य आलौकिक शक्ति जो इस सृष्टि को चला रही है , क्योंकि यह तो सत्य है कि इस सृष्टि को चलाने वाली कोई अद्वित्य शक्ति है ,जिसे हम सांसाररिक लोग अल्लाह ,परमात्मा ,ईसा मसीहा ,वाहे गुरु ,भगवान इत्यादि ना जाने कितने नामों से पुकारते हैं, अपने इष्ट को याद करतें है।
उस शक्ति के आगे हमारा कोई अस्तित्व नहीं तभी तो हम सांसरिक लोग उस दिव्य शक्ति को खुश करने की कोशिश में लगे रहते हैं …और कहतें है , तुम्हीं हो माता ,पिता तुम्हीं हो , तुम्हीं हो बन्धु ,सखा तुम्ही हो ।
धर्म के नाम पर पाखंड करना तुम ऐसा करोगे तो ऐसा हो जाएगा ऐसा करोगे तो…..क्या कोई भी सच्चा धर्म हमें किसी काम के लिए बाध्य कर सकता है ,नहीं ना … हां धर्म हमें बाध्य करता है कि किसी का बुरा ना करो ना सोचो ….प्रत्येक धर्म का मूल इंसानियत और भाईचारा ही है ..
दूसरी तरफ , परमात्मा के नाम पर धर्म की आड़ लेकर आतंक फैलाना बेगुनाहों मासूमों की हत्या करना,विनाश का कारण बनना , ” आतंकवादी “यह बतायें ,कि क्या कभी हमारे माता पिता यह चाहेंगे या कहेंगे, कि जा बेटा धर्म की आड़ लेकर निर्दोष मासूमों की हत्या कर आतंक फैला ?
नहीं कभी नहीं ना , कोई माता -पिता यह नहीं चाहता की उनकी औलादें गलत काम करें गलत राह पर चले। धर्म के नाम पर आतंक फ़ैलाने वाले लोगों ,आतंक फैलाकर स्वयं अपने धर्म का अपमान ना करो ।
धर्म के नाम पर आतंक फैलाने वालों को शायद अपने धर्म का सही ज्ञान ही नहीं मिला है , कोई भी धर्म हिंसा की शिक्षा नहीं देता , अहिंसा की ही शिक्षा देता है , प्रत्येक धर्म का मूल परस्पर प्रेम ,और भाईचारा ही है , अशिक्षा सही शिक्षा ना मिलना ,भी आतंकवाद का प्रमुख कारण हो सकता है , क्योंकि वास्तविक शिक्षा प्रगति का मार्ग दिखाती है , ”सभ्यता की सीढ़ियाँ चढ़ाती है ” “,विश्व कौटूम्बकं की बात सिखाती है ,”आतंक को शिक्षा से जोड़ना पड़ेगा क्योंकि आतंक फ़ैलाने वालों को सही ज्ञान सही मार्गदर्शन की आवयश्कता है ,क्योंकि.. हिंसा को हिंसा से कुछ समय के लिए दबाया तो जा सकता है पर ख़त्म नहीं किया जा सकता , सत्य यह कि सही मार्गदर्शन की अति आवश्यक है ।

3 Likes · 186 Views
Books from Ritu Asooja
View all

You may also like these posts

*पाया-खोया चल रहा, जीवन का यह चक्र (कुंडलिया)*
*पाया-खोया चल रहा, जीवन का यह चक्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गिरगिट को भी अब मात
गिरगिट को भी अब मात
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
Lokesh Sharma
गुज़रा हुआ वक्त
गुज़रा हुआ वक्त
Surinder blackpen
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
विजय या मन की हार
विजय या मन की हार
Satish Srijan
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
जन्मभूमि
जन्मभूमि
Rahul Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रावण न जला हां ज्ञान जला।
रावण न जला हां ज्ञान जला।
मधुसूदन गौतम
Sometimes we say sorry because we deserve peace of mind and
Sometimes we say sorry because we deserve peace of mind and
PANKAJ KUMAR TOMAR
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
shabina. Naaz
तू ही मेरा रहनुमा है
तू ही मेरा रहनुमा है
Monika Arora
मनुस्मृति का, राज रहा,
मनुस्मृति का, राज रहा,
SPK Sachin Lodhi
“पथ रोके बैठी विपदा”
“पथ रोके बैठी विपदा”
Neeraj kumar Soni
पेड़ की गुहार इंसान से...
पेड़ की गुहार इंसान से...
ओनिका सेतिया 'अनु '
चितौड़ में दरबार डोकरी
चितौड़ में दरबार डोकरी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अफसाना
अफसाना
Ashwini sharma
अब खोटे सिक्के भी उछाले जा रहे हैं खेल में,
अब खोटे सिक्के भी उछाले जा रहे हैं खेल में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अनुभवों संग पक्षाघात बना वरदान
अनुभवों संग पक्षाघात बना वरदान
Sudhir srivastava
*कन्या पूजन*
*कन्या पूजन*
Shashi kala vyas
భారత దేశం మన పుణ్య ప్రదేశం..
భారత దేశం మన పుణ్య ప్రదేశం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
3635.💐 *पूर्णिका* 💐
3635.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#एक_सबक़-
#एक_सबक़-
*प्रणय*
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
Sangeeta Beniwal
स्वर्ग से उतरी बरखा रानी
स्वर्ग से उतरी बरखा रानी
Ghanshyam Poddar
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
Suryakant Dwivedi
Loading...