जो पार करे नैया,मेरी मां रेवा मैया

जो पार करे नैया,मेरी मां रेवा मैया
जो बिगड़ी बनाती है,कष्टों को भगाती है
हर नर्मदे हर नर्मदे हर नर्मदे मैया
बिगड़ी बना दो मेरी, पार करो नैया
मां रेवा के तट पर जो भक्त भी आते है
मां के चरणों आ वो सर को झुकाते है
हर नर्मदे हर नर्मदे हर नर्मदे मैया
बिगड़ी बना दो मेरी, पार करो नैया
मां सुनाती है सबकी वो दौड़ी आती है
बच्चों को अपने मां गोद खिलाती है
जो पार करे नैया,मेरी मां रेवा मैया
जो बिगड़ी बनाती है,कष्टों को भगाती है
✍️कृष्णकांत गुर्जर