Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2024 · 1 min read

*अर्जुन का सौभाग्य सारथी, उसने कृष्ण बनाए (गीत)*

अर्जुन का सौभाग्य सारथी, उसने कृष्ण बनाए (गीत)
_________________________
अर्जुन का सौभाग्य सारथी, उसने कृष्ण बनाए
1)
उसे पता था युद्ध न सेना, बल से जीते जाते
उसे पता था काम न साधन, रण में केवल आते
उसने शरणागत बन कर ही, केशव के गुण गाए
2)
जिसके रण की बागडोर को थामे कृष्ण कन्हाई
उस पर भला मुसीबत कोई, कब ज्यादा रह पाई
उसकी उलझन सुलझाने प्रभु, द्वापर युग में आए
3)
जब-जब धर्म घटा सज्जन को, कठिनाई आती है
प्रभु लेते अवतार धरा पर, नई सृष्टि छाती है
गीता में भगवान कृष्ण ने, शाश्वत वचन सुनाए

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

118 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

भूल
भूल
Rambali Mishra
"CCNA® Training in London: Become a Certified Network Associate with Cisco"
bandi tharun
*माँ : दस दोहे*
*माँ : दस दोहे*
Ravi Prakash
हम आज़ाद या गुलाम ?
हम आज़ाद या गुलाम ?
Pooja Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
डॉ. एकान्त नेगी
-: मृत्यु का दर्पण :-
-: मृत्यु का दर्पण :-
Parvat Singh Rajput
हे गुरुवर !
हे गुरुवर !
Ghanshyam Poddar
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
Abhishek Soni
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
Manisha Manjari
ज़िंदगी आईने के
ज़िंदगी आईने के
Dr fauzia Naseem shad
Being liked and loved is a privilege,
Being liked and loved is a privilege,
Chitra Bisht
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
#विश्व_संस्कृत_दिवस
#विश्व_संस्कृत_दिवस
*प्रणय*
क़ुर्बान ज़िंदगी
क़ुर्बान ज़िंदगी
Shyam Sundar Subramanian
18 असुध
18 असुध
Lalni Bhardwaj
देर लगेगी
देर लगेगी
भगवती पारीक 'मनु'
क्यों आयी तू मेरी ज़िन्दगी में.
क्यों आयी तू मेरी ज़िन्दगी में.
Heera S
"गलतफहमी"
Dr. Kishan tandon kranti
कौन हो तुम मेरे लिये
कौन हो तुम मेरे लिये "
पूर्वार्थ
23/132.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/132.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आसान नहीं हैं बुद्ध की राहें
आसान नहीं हैं बुद्ध की राहें
rkchaudhary2012
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़ज़ल _ लगी सदियां वफ़ा के ,मोतियों को यूं पिरोने में ,
ग़ज़ल _ लगी सदियां वफ़ा के ,मोतियों को यूं पिरोने में ,
Neelofar Khan
दो शे'र - चार मिसरे
दो शे'र - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
रजनी छंद (विधान सउदाहरण)
रजनी छंद (विधान सउदाहरण)
Subhash Singhai
फागुन महराज, फागुन महराज, अब के गए कब अइहा: लोक छत्तीसगढ़ी कविता
फागुन महराज, फागुन महराज, अब के गए कब अइहा: लोक छत्तीसगढ़ी कविता
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
- दिल की धड़कन में बसी हो तुम -
- दिल की धड़कन में बसी हो तुम -
bharat gehlot
Loading...