तुम क्या जानो
तुम क्या जानो मेरी हालत ।
तुम को लगता होगा नाटक ।।
मेरी चिन्ता हरदम तुम हो ।
मेरी ममता भी तो तुम हो ।।
तुम क्या जानो मेरी हालत ।
ना बात कहूँ ना चीत कहूँ ।।
फिर भी तुझको मैं मीत कहूँ ।
दर्द मेरा तुम समझो तो पहले ।।
बाहों में भर लो तो पहले ।
मेरा दर्द हैं बड़ा बेदर्दी ।।
याद तुझे हीं करता रहता ।
तुम क्या जानो मेरी हालत ।।