Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

देश सोने की चिड़िया था यह कभी …

देश सोने की चिड़िया था यह कभी,
आज क्या है कोई सोचता ही नहीं,
कभी बहतीं थी नदियां यहाँ दूध की,
आज पीने को जल भी मयस्सर नहीं,

आज जनसंख्या प्रतिपल बढ़ी जा रही
और मंहगाई का कोई ठिकाना नहीं,
बेरोजगारी दर-ब-दर ठोकरें खा रही,
जिसका कोई कहीं सुनने वाला नहीं,

खान वीरों की कहते थे इस देश को,
आज वीर कोई आगे क्यों आता नहीं,
जो मिटादे कुशासन,अव्यवस्था,अनीति को,
ऐसा दम खम नज़र भी तो आता नहीं,

कहते हैं चहुँ ओर प्रगति हुई देश में,
प्रगति हुई पर कहाँ ख़बर ही नहीं ?
मात्र भ्रष्टाचार, घोटाले और कर्ज में ?
जिनका कम होना शायद मुमकिन नहीं,

कब होगा खत्म, दौर रिश्वत का ये ?
कब हिंसा,अहिंसा में होगी विलीन ?
कब कराहें गरीबों की, खुशिया होंगी ?
इस बारे में कुछ भी तो निश्चित नहीं,

देश सोने की चिड़िया था यह कभी,
आज क्या है कोई सोचता ही नहीं …

**** **** **** **** **** ****

Language: Hindi
73 Views
Books from Sunil Suman
View all

You may also like these posts

खा ले तितली एक निवाला
खा ले तितली एक निवाला
उमा झा
मैं कभी भी भीड़ के साथ नही खड़ा होना चाहता हूं।
मैं कभी भी भीड़ के साथ नही खड़ा होना चाहता हूं।
Rj Anand Prajapati
- विदाई समारोह -
- विदाई समारोह -
bharat gehlot
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
आर.एस. 'प्रीतम'
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।
manorath maharaj
मां के शब्द चित्र
मां के शब्द चित्र
Suryakant Dwivedi
दोस्तों
दोस्तों
Sunil Maheshwari
In today's digital age, cybersecurity has become a critical
In today's digital age, cybersecurity has become a critical
bandi tharun
🎊🏮*दीपमालिका  🏮🎊
🎊🏮*दीपमालिका 🏮🎊
Shashi kala vyas
Hey....!!
Hey....!!
पूर्वार्थ
मोबाइल
मोबाइल
Dr Archana Gupta
जवाब ना दिया
जवाब ना दिया
Madhuyanka Raj
पागल प्रेम
पागल प्रेम
भरत कुमार सोलंकी
सूर्य देव के दर्शन हेतु भगवान को प्रार्थना पत्र ...
सूर्य देव के दर्शन हेतु भगवान को प्रार्थना पत्र ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
आदमी
आदमी
Dr. Bharati Varma Bourai
जरूरी तो नहीं
जरूरी तो नहीं
Awadhesh Singh
"संगम स्थली दंतेवाड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी कभी कहना अच्छा होता है
कभी कभी कहना अच्छा होता है
Rekha Drolia
आपने खो दिया अगर खुद को
आपने खो दिया अगर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सेवानिवृत्ति
सेवानिवृत्ति
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
ख्वाबों के रेल में
ख्वाबों के रेल में
Ritu Verma
लगाव का चिराग बुझता नहीं
लगाव का चिराग बुझता नहीं
Seema gupta,Alwar
Spectacular Superman
Spectacular Superman
Chitra Bisht
एक पल में जब हटेगी छाया
एक पल में जब हटेगी छाया
Buddha Prakash
घाव वो फूल है…..
घाव वो फूल है…..
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
दुविधा में हूँ
दुविधा में हूँ
Usha Gupta
कुण्डलिया दिवस
कुण्डलिया दिवस
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
Abhishek Soni
आत्मीय रिश्तों की ताकत
आत्मीय रिश्तों की ताकत
Sudhir srivastava
Loading...