कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा।
*सेना की अक्सर दिखी, कुटिल हृदय की चाह (कुंडलिया)*
नारी शक्ति का स्वयं करो सृजन
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खास व्यक्ति अंतरिक्ष से नहीं आते,
Anamika Tiwari 'annpurna '
अश्कों से जब धो लिए, हमने दिल के दाग ।
ऐ खुदा काश के मैं पागल होता,
गले लगाकर हमसे गिले कर लिए।
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
लेखक कौन ?
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
फ़ासले
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
अपने दिल की बात कहना सबका हक होता है ,
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
कसौटी से गुजारा जा रहा है
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
**वो पागल दीवाना हो गया**
यूँ डरकर मत लौट चलो, इतने करीब आकर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"शाश्वत प्रेम"
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
मै हूं भारत
Santosh kumar Miri "kaviraj"