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13 Sep 2024 · 1 min read

**वो पागल दीवाना हो गया**

**वो पागल दीवाना हो गया**
*************************

जो खुद से बेगाना हो गया,
वो पागल दीवाना हो गया।

खोया – खोया जो रहता सदा,
वो मुश्किल समझाना हो गया।

भूली – बिसरी यादें बन गई,
यूँ गुजरा अफसाना हो गया।

मनसीरत का था जो आसरा,
वो भी तो अनजाना बन गया।
*************************
सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

157 Views
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