Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2024 · 1 min read

चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|

चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|
आपकी अर्थी पर यहीं चार लोग कहेंगे, मेरा कंधा दर्द हो गया अब अर्थी तुम संभालो||

1 Like · 241 Views

You may also like these posts

ग़ज़ल (रखो हौंसला फ़िर न डर है यहाँ)
ग़ज़ल (रखो हौंसला फ़िर न डर है यहाँ)
डॉक्टर रागिनी
मैं
मैं
Ajay Mishra
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
बदला है
बदला है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
*महामना जैसा भला, होगा किसका काम (कुंडलिया)*
*महामना जैसा भला, होगा किसका काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
Rj Anand Prajapati
3852.💐 *पूर्णिका* 💐
3852.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गीत- तेरी मुस्क़ान मनसर है...
गीत- तेरी मुस्क़ान मनसर है...
आर.एस. 'प्रीतम'
"अहसास मरता नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
कैसे हुआ मै तुझसे दूर
कैसे हुआ मै तुझसे दूर
Buddha Prakash
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
Kanchan Alok Malu
बिना मांगते ही खुदा से
बिना मांगते ही खुदा से
Shinde Poonam
मुलाकात !
मुलाकात !
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हौसलों की मीनार
हौसलों की मीनार
Sunil Maheshwari
हर दिल खूबसूरत है
हर दिल खूबसूरत है
Surinder blackpen
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
gurudeenverma198
बे
बे
*प्रणय*
कहांँ गए वो भाव अमर उद्घोषों की?
कहांँ गए वो भाव अमर उद्घोषों की?
दीपक झा रुद्रा
(ग़ज़ल) तेरा साथ ही जब मयस्सर नहीं
(ग़ज़ल) तेरा साथ ही जब मयस्सर नहीं
प्रदीप माहिर
आनंदानुभूति
आनंदानुभूति
Santosh kumar Miri
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
शेखर सिंह
जो व्यक्ति कभी किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता,
जो व्यक्ति कभी किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता,
Ranjeet kumar patre
बेरोजगार युवाओं का दर्द।
बेरोजगार युवाओं का दर्द।
Abhishek Soni
खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत न
खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत न
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चलो चलाए रेल।
चलो चलाए रेल।
Vedha Singh
न्याय होता है
न्याय होता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
विवेकवान कैसे बनें। ~ रविकेश झा
विवेकवान कैसे बनें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
Loading...