अपनी आस्थाओं के लिए सजग रहना।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे शुभ दिन है आज।
मरना कोई नहीं चाहता पर मर जाना पड़ता है
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
बड़ि मुद्दति अरचन ते पाइयो
आकांक्षा पत्रिका 2024 की समीक्षा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
* लक्ष्य सही होना चाहिए।*
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
खुली आँख से तुम ना दिखती, सपनों में ही आती हो।
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
एक ग़ज़ल :-रूबरू खुद से हो जाए
नज़रें मिलाना भी नहीं आता
गुरु गोविंद सिंह जी की बात बताऊँ
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
" can we take a time off from this busy world, just to relax
दीपावली
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD