**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
- तुम्हारी दिलकश अदा पर में हुआ फिदा -
*बूढ़ा हुआ जो बाप तो, लहजा बदल गया (हिंदी गजल)*
छोड़कर एक दिन तुम चले जाओगे
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
याद मीरा को रही बस श्याम की
इश्क़-ए-फन में फनकार बनना हर किसी के बस की बात नहीं होती,
मुलाकातें हों या गुफ़्तगू
संस्कारों का ताज़ केवल औरत के सिर पर रखा गया,
ये ज़ीस्त अकेले ही तो हमने है गुज़ारी
राम रटलै
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*फिर तेरी याद आई दिल रोया है मेरा*
विषय:भारतीय राष्ट्रीय ध्वज।
"मैं दिल हूं हिन्दुस्तान का, अपनी व्यथा सुनाने आया हूं।"
दिया है जो ज़ख्म कुछ अपनों ने
नज़्म _ पिता आन है , शान है ।
"चलो जी लें आज"
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'