बहनें

बहनें!
एक दूसरे से अलग होते हुए भी
एक-दूसरे की जान होती हैं!
एक दूसरे की कमियों को टटोलती रहती हैं!
“तुम बचपन से ऐसी ही थीं” कहकर हवा में
ठहाके छोड़ती रहती हैं!
एक-दूसरे की ‘दादी’-‘नानी’ बनकर उन्हें
परफेक्ट बनाने में जुटी रहती हैं!
दिनभर एक-दूसरे को याद करके उलझती हैं
बातों-बातों में उदास होती रहती हैं!
नज़र उतारने से लेकर
ऊॅंच-नीच समझाने में भी पीछे नहीं हटतीं
सच में…
बहनें भी न
चाहे जितना प्यार करें एक-दूसरे को
पर कभी जताती नहीं हैं!
बस
आजीवन रिश्ते सॅंजोने में लगी रहती हैं!
रश्मि ‘लहर’