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1 May 2024 · 1 min read

पिता

दिन में सूरज, रात में चांद है ,
पिता मेरे लिए पूरा आसमान है ।
इच्छा मेरी, प्रयास उसके ,
जीवन समस्या तो पिता समाधान है ।
मन उलझे या दिल में उदासी हो ,
साथ में पिता हो तो मुट्ठी में जहान है ।
गणित सा जटिल,साहित्य सा भावुक
पिता का दर्शन ही मेरा मनोविज्ञान है।
मुझे आकर देने में लगा दी सारी ऊर्जा,
पिता कुम्हार है,महान चित्रकार है।
मुझे उजला रखने को कर लिए मैले कपड़े अपने,
अपने हाथों में मुझे ऊपर उठाए ,पिता पहलवान है।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 157 Views
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