Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Oct 2023 · 1 min read

*दादी चली गई*

आज अपने बीच देखकर तुझे
जन्नत के फ़रिश्ते भी खुश हुए होंगे
जीत गये हैं हमसे आज बाज़ी वो
तभी वो तुझे अपने साथ ले गए होंगे

दादा को तो कभी देखा नहीं
सात दशक बाद उनसे भी मिले होंगे
ये जुदाई बहुत लंबी थी उनसे
देखकर तुम्हें वो भी खुश तो हुए होंगे

दुखों से भरा था वो समय तेरा
वो पल तुमने कैसे गुज़ारे होंगे
सफ़र की शुरुआत में ही छोड़ गया हमसफ़र
कैसे तुमने वो दिन काटे होंगे

संघर्ष की मिसाल हो तुम
छोटे छोटे बच्चे तुमने कैसे पाले होंगे
दिल में छुपे दर्द तुम्हारे
तभी उसने भी पहचाने होंगे

जब पूछते होंगे तुमसे अपने पापा के बारे में वो
कोई सोच भी नहीं सकता तुमने कैसे सँभाले होंगे
क्यों इतने कष्ट मिले तुमको, फिर सोचता हूं
ये तो उस रब के तुम्हें ताक़त देने के बहाने होंगे

है मिसाल सबके लिए आज भी
कितने कष्ट सहकर तुमने फ़र्ज़ निभाए होंगे
दिखाकर अपना मुस्कुराता चेहरा
जानता हूँ तुमने दर्द अपने छुपाए होंगे

पढ़ाने लिखाने के लिए बेटे को
जाने तुमने कितनी कुरबानियां दी होगी
सफल हुई ये तपस्या तुम्हारी
जब आंगन पोते पोतियों से भरी होगी

बदल दिया उस क़िस्मत को भी तुमने
जिसे लिखने वाले की कलम भी पछताई होगी
देखकर तेरे परिवार को लगता है आज
ये पौध किसी क़िस्मत वाले ने लगाई होगी

आज चली गई तू हमको छोड़कर
ये रीत तो एक दिन सबको निभानी होगी
अब याद करके ही तुझको
जानता हूं, हमें ये ज़िंदगी बितानी होगी।

10 Likes · 5 Comments · 3020 Views
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all

You may also like these posts

#बस_मौका_चाहिए_जी।
#बस_मौका_चाहिए_जी।
*प्रणय*
मर्यादा की लड़ाई
मर्यादा की लड़ाई
Dr.Archannaa Mishraa
दोस्त
दोस्त
Rambali Mishra
मुसीबत में घर तुम हो तन्हा, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना
मुसीबत में घर तुम हो तन्हा, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना
gurudeenverma198
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वादे करके शपथें खा के
वादे करके शपथें खा के
Dhirendra Singh
नवगीत - बुधनी
नवगीत - बुधनी
Mahendra Narayan
माटी की सोंधी महक (नील पदम् के दोहे)
माटी की सोंधी महक (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
यादों की कश्ती में।
यादों की कश्ती में।
लक्ष्मी सिंह
मैंने उनका जाना भी देखा है जिनके जानें जाती थी जान अब मुझे क
मैंने उनका जाना भी देखा है जिनके जानें जाती थी जान अब मुझे क
Vishvendra arya
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"सत्य वचन"
Sandeep Kumar
कत्ल
कत्ल
NAVNEET SINGH
तो क्या हुआ
तो क्या हुआ
Sûrëkhâ
संघर्षों की एक कथाः लोककवि रामचरन गुप्त +इंजीनियर अशोक कुमार गुप्त [ पुत्र ]
संघर्षों की एक कथाः लोककवि रामचरन गुप्त +इंजीनियर अशोक कुमार गुप्त [ पुत्र ]
कवि रमेशराज
समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात .
समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात .
RAMESH SHARMA
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
World stroke day
World stroke day
Tushar Jagawat
3188.*पूर्णिका*
3188.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
पूर्वार्थ
"अवध में राम आये हैं"
Ekta chitrangini
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
** पहचान से पहले **
** पहचान से पहले **
surenderpal vaidya
Farmer
Farmer
Iamalpu9492
"सवाल-जवाब"
Dr. Kishan tandon kranti
अहसास
अहसास
Sangeeta Beniwal
(कृपाणघनाक्षरी ) पुलिस और नेता
(कृपाणघनाक्षरी ) पुलिस और नेता
guru saxena
उद्गगार
उद्गगार
Jai Prakash Srivastav
Good morning
Good morning
Neeraj Agarwal
सच समझने में चूका तंत्र सारा
सच समझने में चूका तंत्र सारा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...