"हुजूरीकरण"
“हुजूरीकरण”
वर्तमान परिदृश्य में विचारधारा
भी बनकर रह गया है एक बिजनेस
धर्म का हो गया व्यापारीकरण
जातियों का हो गया राजनीतीकरण
तरक्की तो बहुत कर ली हमने
सब हो चुका है
नहीं हुआ है तो हमारा बौद्धिकरण
जीवन जीने का एकमात्र तरीका
बच गया है जी “हुजूरीकरण” ।।