इंसान इंसानियत को निगल गया है
मेरी सिया प्यारी को देखा अगर
मेघ-मेघ में धड़कनें, बूँद- बूँद में प्यार।
बिहार के रूपेश को मिला माँ आशा देवी स्मृति सम्मान और मुंशी प्रेमचंद शिरोमणि सम्मान
#मीठा फल
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कैसे जिएं हम इश्क के मारे तेरे बिना
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सरकार से हिसाब
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
हम जियें या मरें तुम्हें क्या फर्क है
भगवन तेरे भारत में ये, कैसी विपदा आई है....!