मैने जो किस्से लिखे है
मैने जो किस्से लिखे है
वो मेरे हिस्से मे आयेंगे
दर्द के सैलाब मे भी
तबस्सुम खिलाएंगे
अगर पढ़ोगी तुम हरेक किस्सा
तो रूठे पल याद आयेंगे
तुम ही आरम्भ थी और अब
तुम ही अंत हो इसका
कारण पूछा अगर तुमने तो
हम बस मुसकराएँगे
हंसी का मुखोटा साथ लाये है
जख्म को अपने मरहम बनाएंगे
देखते रहना हौसलों को तुम
दर्द के सैलाब मे भी कश्ती लेहरायेंगे