Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2023 · 1 min read

मन और मौन

मौन की शक्ति का चमत्कार

वाणी कर ली पूर्ण शांत, किया मौन को धारण
जीवन की हर समस्या का, मैंने पाया निवारण

मन बुद्धि की सब परतों को, देखा मैंने हटाकर
कौनसे गुण अवगुण मैंने, रखे हैं इनमें छुपाकर

मन की गहराई में जाकर, हुई खुद की पहचान
अब तक तो था मैं, अपने आप से ही अनजान

मौन में आते ही मैं, पहुंचने लगा खुद के समीप
जलता हुआ दिखने लगा, मैं बनकर आत्मदीप

प्राण ऊर्जा के अपव्यय का, समापन होने लगा
शांति के निज स्वधर्म में, पल पल मैं खोने लगा

मन में लगा रहता था, हर पल मेला विचारों का
एक दो चार नहीं, ये झुण्ड था लाख हजारों का

छंटने लगी व्यर्थ विचारों की, मन बुद्धि से धूल
इन्हीं विचारों द्वारा मैंने, स्वयं को चुभाये थे शूल

प्रकृति के सानिध्य में जाकर, मैंने समय बिताया
कुछ सुनी प्रकृति की, और कुछ अपना सुनाया

मौन के बल को मैंने, संजीवनी बूटी तुल्य पाया
दिव्य अलौकिक शक्ति से, भरपूर नजर मैं आया

मन की एकाग्रता से, संकल्पों को पवित्र बनाया
सम्पूर्ण सत्यता का बल, मैंने अन्तर्मन में जगाया

भांति भांति के व्यर्थ विचार, हुए मौन में विलीन
आत्म चेतना के भीतर हुआ, मैं पूरा ही तल्लीन

बढ़ने लगा मन मेरा, एकरस अवस्था की ओर
मौन की लहरें ले गई मुझे, परमशक्ति की ओर

मौन की शक्ति को मैंने, जीवन का अंग बनाया
प्रभु मिलन का सुख मैंने, इसी अवस्था में पाया.

Language: Hindi
1 Like · 117 Views

You may also like these posts

मिलन
मिलन
Rambali Mishra
ऋषि 'अष्टावक्र'
ऋषि 'अष्टावक्र'
Indu Singh
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
"If my energy doesn't wake you up,
पूर्वार्थ
मर्यादा की लड़ाई
मर्यादा की लड़ाई
Dr.Archannaa Mishraa
औपचारिक हूं, वास्तविकता नहीं हूं
औपचारिक हूं, वास्तविकता नहीं हूं
Keshav kishor Kumar
वैज्ञानिक अध्यात्मवाद एवं पूर्ण मनुष्य
वैज्ञानिक अध्यात्मवाद एवं पूर्ण मनुष्य
Acharya Shilak Ram
अरदास
अरदास
Buddha Prakash
इम्तिहान
इम्तिहान
Mukund Patil
वाक़िफ नहीं है कोई
वाक़िफ नहीं है कोई
Dr fauzia Naseem shad
अपने सपनों के लिए
अपने सपनों के लिए
हिमांशु Kulshrestha
नए सफर पर चलते है।
नए सफर पर चलते है।
Taj Mohammad
सत्य की विजय हुई,
सत्य की विजय हुई,
Sonam Puneet Dubey
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
ललकार भारद्वाज
ब्रह्मांड की आवाज
ब्रह्मांड की आवाज
Mandar Gangal
सूरज जैसन तेज न कौनौ चंदा में।
सूरज जैसन तेज न कौनौ चंदा में।
सत्य कुमार प्रेमी
" रफूगर "
Dr. Kishan tandon kranti
मैं तुझ सा कोई ढूंढती रही
मैं तुझ सा कोई ढूंढती रही
Chitra Bisht
ये है बेशरम
ये है बेशरम
RAMESH SHARMA
7. *मातृ-दिवस * स्व. माँ को समर्पित
7. *मातृ-दिवस * स्व. माँ को समर्पित
Dr .Shweta sood 'Madhu'
अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ
अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ
Sarfaraz Ahmed Aasee
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🙅बड़ा सच🙅
🙅बड़ा सच🙅
*प्रणय*
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
Sudhir srivastava
4227.💐 *पूर्णिका* 💐
4227.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*****रामलला*****
*****रामलला*****
Kavita Chouhan
"तुम्हारी यादें"
Lohit Tamta
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
gurudeenverma198
क्या खोया क्या पाया
क्या खोया क्या पाया
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...