Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
*प्रणय प्रभात*
77 Followers
Follow
Report this post
5 Dec 2024 · 1 min read
एक उम्र के बाद
एक उम्र के बाद
सन्यास सब के लिए
संभव नहीं, तथापि
वानप्रस्थी होने में
कोई बाधा नहीं।।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 61 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like these posts
D
*प्रणय प्रभात*
दीपावली के अवसर पर
जगदीश लववंशी
*बातें मीठी कर रहे, घोर मतलबी लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरे कॉलेज की वह लड़की
डॉ. एकान्त नेगी
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
कभी-कभी आते जीवन में...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Please Help Me...
Srishty Bansal
"उमंग तरंग हो मन का मेरे, हर सुख का आभास हो"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ओ मनहूस रात...भोपाल गैस त्रासदी कांड
TAMANNA BILASPURI
पागल प्रेम
भरत कुमार सोलंकी
समय की बहती धारा में
Chitra Bisht
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
Jyoti Roshni
हाइकु (#हिन्दी)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
डॉक्टर रागिनी
देख कर नज़रें घुमा लेते हैं
Shweta Soni
विडम्बना
आशा शैली
धूल जमी ना हट सकी ,ऐनक बदले रोज।
संजय निराला
*दिल जल रहा है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरा वजूद
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
चटोरी जीभ!
Pradeep Shoree
रेगिस्तान के महल तक
Minal Aggarwal
नव वर्ष मंगलमय हो
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
मेघ-मेघ में धड़कनें, बूँद- बूँद में प्यार।
sushil sarna
बेसब्री
PRATIK JANGID
*Bountiful Nature*
Veneeta Narula
जीवन में झुकना भी जरूरी है लेकिन
ARVIND KUMAR GIRI
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
जीवन में आप सभी कार्य को पूर्ण कर सकते हैं और समझ भी सकते है
Ravikesh Jha
Loading...