सर्दियों में सूरज की लालिमा जैसी मुस्कान है तेरी।
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कहते है चेहरे में मुस्कान ,
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान बता रही है
मैं कल के विषय में नहीं सोचता हूं, जो
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
ग़ज़ल की नक़ल नहीं है तेवरी + रमेशराज
*करो योग-व्यायाम, दाल-रोटी नित खाओ (कुंडलिया)*