Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

टीस मन से हमारे निकल जायेगी
रंग मसले का फिर ये बदल जायेगी

पेड़ पर जैसे पत्ते नये आतें हैं
होके पतझड़ बहारों में ढ़ल जायेगी

लोग कहतें हैं मुझमें सियासत नही
सोच उनकी ये सत्ता निगल जायेगी

दफ़्न होगी धुएँ में जो इंसानियत
उस धमाके से दुनिया दहल जायेगी

भूख से रोग से लड़ रहे थे महज़
ज़िन्दगी जंग में यूँ मसल जायेगी

Language: Hindi
1 Like · 173 Views
Books from Mahendra Narayan
View all

You may also like these posts

दिल की हालत
दिल की हालत
करन ''केसरा''
2504.पूर्णिका
2504.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मित्रता
मित्रता
Uttirna Dhar
ग़ज़ल - बड़े लोगों की आदत है!
ग़ज़ल - बड़े लोगों की आदत है!
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
इश्क चख लिया था गलती से
इश्क चख लिया था गलती से
हिमांशु Kulshrestha
लौट आओ तो सही
लौट आओ तो सही
मनोज कर्ण
आंधी
आंधी
Aman Sinha
जलधर
जलधर
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
कर्म की भावना बरकरार रखो,
कर्म की भावना बरकरार रखो,
Ajit Kumar "Karn"
मैं लिखता हूँ जो सोचता हूँ !
मैं लिखता हूँ जो सोचता हूँ !
DrLakshman Jha Parimal
हिंदी काव्य के प्रमुख छंद
हिंदी काव्य के प्रमुख छंद
मधुसूदन गौतम
'कच' और 'देवयानी' पौराणिक कथा
'कच' और 'देवयानी' पौराणिक कथा
Indu Singh
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कभी आओ मेरे शहर में
कभी आओ मेरे शहर में
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
मेरी खामोशी
मेरी खामोशी
Sudhir srivastava
क्या वायदे क्या इरादे ,
क्या वायदे क्या इरादे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
अंसार एटवी
दोहे
दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
बरखा
बरखा
Neha
" माँ "
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार का नाम देते रहे जिसे हम अक्सर
प्यार का नाम देते रहे जिसे हम अक्सर
Swami Ganganiya
आत्मा
आत्मा
Bodhisatva kastooriya
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
फिर से अजनबी बना गए जो तुम
फिर से अजनबी बना गए जो तुम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
🙅सियासी मंडी में🙅
🙅सियासी मंडी में🙅
*प्रणय*
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
Ravi Prakash
"चारों तरफ अश्लीलता फैली हुई है ll
पूर्वार्थ
आदि विद्रोही-स्पार्टकस
आदि विद्रोही-स्पार्टकस
Shekhar Chandra Mitra
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
'अशांत' शेखर
Loading...