Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

छाया है कुहरा घना,बहुत अधिक है शीत।
मार्ग नहीं दिखता कहीं,सब राही भयभीत।
विकट परिस्थिति है बनी,फँसी मुसीबत जान,
मौसम के आगे नहीं, संभव लगती जीत।।
डाॅ. बिपिन पाण्डेय

1 Like · 322 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जो  वफाओं  से आशना ही नहीं
जो वफाओं से आशना ही नहीं
Dr fauzia Naseem shad
कोहरा काला घना छट जाएगा।
कोहरा काला घना छट जाएगा।
Neelam Sharma
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
Ajit Kumar "Karn"
..
..
*प्रणय प्रभात*
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
पूर्वार्थ
"मयखाना"
Dr. Kishan tandon kranti
उसे खुद के लिए नहीं
उसे खुद के लिए नहीं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बुलबुलों का सतही सच
बुलबुलों का सतही सच
Nitin Kulkarni
घंटीमार हरिजन–हृदय हाकिम
घंटीमार हरिजन–हृदय हाकिम
Dr MusafiR BaithA
भाई-बहिन का प्यार
भाई-बहिन का प्यार
Surya Barman
*सावन में अब की बार
*सावन में अब की बार
Poonam Matia
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
Sandeep Kumar
हम हारते तभी हैं
हम हारते तभी हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
Anis Shah
अदब  नवाबी   शरीफ  हैं  वो।
अदब नवाबी शरीफ हैं वो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
* चतु-रंग झंडे में है *
* चतु-रंग झंडे में है *
भूरचन्द जयपाल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
ओनिका सेतिया 'अनु '
बस अणु भर मैं
बस अणु भर मैं
Atul "Krishn"
3121.*पूर्णिका*
3121.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मासूमियत।
मासूमियत।
Amber Srivastava
जाती हुई सर्दियां
जाती हुई सर्दियां
aestheticwednessday
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
VINOD CHAUHAN
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
Neeraj Kumar Agarwal
आज
आज
सिद्धार्थ गोरखपुरी
" वो क़ैद के ज़माने "
Chunnu Lal Gupta
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
Rj Anand Prajapati
कलम और कविता
कलम और कविता
Surinder blackpen
भरोसा है मुझे
भरोसा है मुझे
Sanjay Narayan
जिम्मेदारी ख्वाहिशें,और लाजिमी काम
जिम्मेदारी ख्वाहिशें,और लाजिमी काम
RAMESH SHARMA
Loading...