Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

जलधर

धरती तपती जलता अंबर,
कहाॅं खोए हो बोलो जलधर?
पलक बिछाए कृषक निहारे,
क्यूं ना अब तक आप पधारे?
सारी आस टिकी है तुम पर,
कहाॅं खोए हो बोलो जलधर?
तुम बिन सूनी नभ की छाती,
पृथ्वी पर नेह नहीं बरसाती।
तरस खाओ अब प्रणयी पर,
कहाॅं खोए हो बोलो जलधर?
अकुलाते हैं सारे प्राणी,
मौत दिख रही उन्हें बिन पानी।
क्यों रूठा है तुमसे सरवर?
कहाॅं खोए हो बोलो जलधर?
यह सावन जाए जैसे जेठ,
हुई ना अभी तक तेरी पैठ।
चिंता से सूखे हैं तरूवर,
आ भी जाओ अब प्रिये जलधर।

प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव
अलवर ( राजस्थान)

Language: Hindi
1 Like · 99 Views
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all

You may also like these posts

मन को मैं समझा रहा हूँ |
मन को मैं समझा रहा हूँ |
manorath maharaj
Happy Birthday Google
Happy Birthday Google
Deep Shikha
मौसम _ने ली अंगड़ाई
मौसम _ने ली अंगड़ाई
Rajesh vyas
अंगुलिया
अंगुलिया
Sandeep Pande
आक्रोश तेरे प्रेम का
आक्रोश तेरे प्रेम का
भरत कुमार सोलंकी
कविता
कविता
Rambali Mishra
बुद्ध चाहिए युद्ध नहीं / रजनी तिलक (पूरी कविता...)
बुद्ध चाहिए युद्ध नहीं / रजनी तिलक (पूरी कविता...)
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दया से हमारा भरो माँ खज़ाना
दया से हमारा भरो माँ खज़ाना
Dr Archana Gupta
उपलब्धियां
उपलब्धियां
ललकार भारद्वाज
प्यार की लौ
प्यार की लौ
Surinder blackpen
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
gurudeenverma198
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
Vivek Ahuja
"मयकश बनके"
Dr. Kishan tandon kranti
कोशिश ना कर
कोशिश ना कर
Deepali Kalra
प्रथम नागरिक द्रौपदी मुर्मू
प्रथम नागरिक द्रौपदी मुर्मू
Sudhir srivastava
कितना अच्छा था बचपन
कितना अच्छा था बचपन
shabina. Naaz
- स्वाभिमान -
- स्वाभिमान -
bharat gehlot
भूल चुके हैं
भूल चुके हैं
Neeraj Agarwal
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
इतनी खुबसुरत हो तुम
इतनी खुबसुरत हो तुम
Diwakar Mahto
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
Ajit Kumar "Karn"
देश में न गऱीबी, न भुखमरी, न बेरोजगारी। पांच किलो राशन (बाजर
देश में न गऱीबी, न भुखमरी, न बेरोजगारी। पांच किलो राशन (बाजर
*प्रणय*
कुछ देर तो ठहरो :-
कुछ देर तो ठहरो :-
PRATIK JANGID
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
Shyam Sundar Subramanian
कौन मनाएगा तुमको
कौन मनाएगा तुमको
Shekhar Chandra Mitra
अनुपम पल्लव प्रेम का
अनुपम पल्लव प्रेम का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
इच्छाओं  की  दामिनी,
इच्छाओं की दामिनी,
sushil sarna
शब्द जो कर दें निशब्द
शब्द जो कर दें निशब्द
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
Loading...