Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2024 · 1 min read

*बातें मीठी कर रहे, घोर मतलबी लोग (कुंडलिया)*

बातें मीठी कर रहे, घोर मतलबी लोग (कुंडलिया)
_________________________
बातें मीठी कर रहे, घोर मतलबी लोग
कर्ज लिया फिर घी पिया, सुविधाओं का भोग
सुविधाओं का भोग, देह मक्खन-सी प्यारी
ब्यूटी पार्लर धन्य, मेकअप की गति न्यारी
कहते रवि कविराय, चमकतीं झूठी रातें
बातों की क्या बात, दे रहीं धोखा बातें
_________________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

121 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

"वाह रे जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आंखों में खो गए, हर पल सा मिला,
आंखों में खो गए, हर पल सा मिला,
Kanchan Alok Malu
रो रो कर बोला एक पेड़
रो रो कर बोला एक पेड़
Buddha Prakash
सखी
सखी
ललकार भारद्वाज
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
दिल का हर अरमां।
दिल का हर अरमां।
Taj Mohammad
कुछ रिश्ते कांटों की तरह होते हैं
कुछ रिश्ते कांटों की तरह होते हैं
Chitra Bisht
#दोहे (व्यंग्य वाण)
#दोहे (व्यंग्य वाण)
Rajesh Kumar Kaurav
*नव वर्ष का अभिनंदन*
*नव वर्ष का अभिनंदन*
Santosh kumar Miri
कितना आसान है न बुद्ध बनना, अपनी दूधमुंही संतान को और सोती ह
कितना आसान है न बुद्ध बनना, अपनी दूधमुंही संतान को और सोती ह
Neelam Sharma
मां का महत्त्व
मां का महत्त्व
Mangilal 713
Happy friendship day
Happy friendship day
Deepali Kalra
Revisiting the School Days
Revisiting the School Days
Deep Shikha
बह्र ....2122  2122  2122  212
बह्र ....2122 2122 2122 212
Neelofar Khan
आप हो
आप हो
sheema anmol
जिंदगी तेरे हंसी रंग
जिंदगी तेरे हंसी रंग
Harminder Kaur
ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है।
ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है।
Manisha Manjari
क्यों उनसे हम प्यार करें
क्यों उनसे हम प्यार करें
gurudeenverma198
4458.*पूर्णिका*
4458.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"*ए0आई0* v/s स्वरचित कविता"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
Ajit Kumar "Karn"
कुदरत की संभाल करो ...
कुदरत की संभाल करो ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
साथ अपना कभी नहीं खोना
साथ अपना कभी नहीं खोना
Dr fauzia Naseem shad
साँझे चूल्हों के नहीं ,
साँझे चूल्हों के नहीं ,
sushil sarna
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
संतोष विद्यार्थी जी के जन्मदिन पर
संतोष विद्यार्थी जी के जन्मदिन पर
Sudhir srivastava
आ
*प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल : उसने देखा मुझको तो कुण्डी लगानी छोड़ दी
ग़ज़ल : उसने देखा मुझको तो कुण्डी लगानी छोड़ दी
Nakul Kumar
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
कवि रमेशराज
Loading...