Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2024 · 1 min read

” विडम्बना “

” विडम्बना ”

जो दिखता है वो असलियत में होता नहीं,
जो असलियत में होता है वो दिखता नहीं।

2 Likes · 2 Comments · 65 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

समाजों से सियासत तक पहुंची
समाजों से सियासत तक पहुंची "नाता परम्परा।" आज इसके, कल उसके
*प्रणय*
दिल की हालत
दिल की हालत
करन ''केसरा''
'ना कहने का मौसम आ रहा है'
'ना कहने का मौसम आ रहा है'
सुरेखा कादियान 'सृजना'
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
आंसू
आंसू
पं अंजू पांडेय अश्रु
मेरी जिंदगी की दास्ताँ ।
मेरी जिंदगी की दास्ताँ ।
manorath maharaj
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
डॉ. दीपक बवेजा
"खतरनाक"
Dr. Kishan tandon kranti
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
आर.एस. 'प्रीतम'
तेरा इक दिवाना हूँ
तेरा इक दिवाना हूँ
Dr. Sunita Singh
लगते नये हो
लगते नये हो
Laxmi Narayan Gupta
तेरे इकरार का बहुमत चाहिए
तेरे इकरार का बहुमत चाहिए
Harinarayan Tanha
एक बात बोलू
एक बात बोलू
Ritesh Deo
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
Satish Srijan
कविता
कविता
Rambali Mishra
धुआँ धुआँ इश्क़
धुआँ धुआँ इश्क़
Kanchan Advaita
तब बसंत आ जाता है
तब बसंत आ जाता है
Girija Arora
पनघट के पत्थर
पनघट के पत्थर
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
वैसे नहीं है तू, जैसा तू मुझे दिखाती है,
वैसे नहीं है तू, जैसा तू मुझे दिखाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भाई बहन की संवेदना (रक्षाबंधन पर्व)
भाई बहन की संवेदना (रक्षाबंधन पर्व)
Dr B.R.Gupta
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
gurudeenverma198
जो भी पाना है उसको खोना है
जो भी पाना है उसको खोना है
Shweta Soni
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!!
मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!!
Jyoti Khari
मातर मड़ई भाई दूज
मातर मड़ई भाई दूज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बख्श मुझको रहमत वो अंदाज मिल जाए
बख्श मुझको रहमत वो अंदाज मिल जाए
VINOD CHAUHAN
चाबी घर की हो या दिल की
चाबी घर की हो या दिल की
शेखर सिंह
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
ओनिका सेतिया 'अनु '
हर लफ्ज़ मे मोहब्बत
हर लफ्ज़ मे मोहब्बत
Surinder blackpen
3485.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3485.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
Loading...