Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2024 · 1 min read

Thoughts are not

Thoughts are not
Meant to be suppressed
Speak with love
Keep them with decorum
Injustice, inequality,
Fear, and suppression
Must be raised all
Before in different forums.
@ Dr Lakshman Jha Parimal

151 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

D
D
*प्रणय प्रभात*
दीपावली के अवसर पर
दीपावली के अवसर पर
जगदीश लववंशी
*बातें मीठी कर रहे, घोर मतलबी लोग (कुंडलिया)*
*बातें मीठी कर रहे, घोर मतलबी लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरे कॉलेज की वह लड़की
मेरे कॉलेज की वह लड़की
डॉ. एकान्त नेगी
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
कभी-कभी आते जीवन में...
कभी-कभी आते जीवन में...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
"उमंग तरंग हो मन का मेरे, हर सुख का आभास हो"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ओ मनहूस रात...भोपाल गैस त्रासदी कांड
ओ मनहूस रात...भोपाल गैस त्रासदी कांड
TAMANNA BILASPURI
पागल प्रेम
पागल प्रेम
भरत कुमार सोलंकी
समय की बहती धारा में
समय की बहती धारा में
Chitra Bisht
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
Jyoti Roshni
हाइकु (#हिन्दी)
हाइकु (#हिन्दी)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
डॉक्टर रागिनी
देख कर नज़रें घुमा लेते हैं
देख कर नज़रें घुमा लेते हैं
Shweta Soni
विडम्बना
विडम्बना
आशा शैली
धूल जमी ना हट सकी ,ऐनक बदले रोज।
धूल जमी ना हट सकी ,ऐनक बदले रोज।
संजय निराला
*दिल जल रहा है*
*दिल जल रहा है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरा वजूद
मेरा वजूद
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
चटोरी जीभ!
चटोरी जीभ!
Pradeep Shoree
रेगिस्तान के महल तक
रेगिस्तान के महल तक
Minal Aggarwal
नव वर्ष मंगलमय हो
नव वर्ष मंगलमय हो
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
मेघ-मेघ में धड़कनें, बूँद- बूँद में प्यार।
मेघ-मेघ में धड़कनें, बूँद- बूँद में प्यार।
sushil sarna
बेसब्री
बेसब्री
PRATIK JANGID
*Bountiful Nature*
*Bountiful Nature*
Veneeta Narula
जीवन में झुकना भी जरूरी है लेकिन
जीवन में झुकना भी जरूरी है लेकिन
ARVIND KUMAR GIRI
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
जीवन में आप सभी कार्य को पूर्ण कर सकते हैं और समझ भी सकते है
जीवन में आप सभी कार्य को पूर्ण कर सकते हैं और समझ भी सकते है
Ravikesh Jha
Loading...