ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
"आस्था सकारात्मक ऊर्जा है जो हमारे कर्म को बल प्रदान करती है
सत्य से सबका परिचय कराएं, आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक सांझ संदली, गाँव की पगडंडियों तक खींच लाती है,
सूरज मुझे जगाता, चांद मुझे सुलाता
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।