Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2024 · 1 min read

गीत- कभी क़िस्मत अगर रूठे…

कभी क़िस्मत अगर रूठे नियम सब भूल जाते हैं।
बहारों बिन चमन जैसे नहीं फल-फूल पाते हैं।।

हुआ अनुभव यही है कर्म भी क़िस्मत कराती है।
बिना इसके बड़ी चाहत नज़र छोटी ही आती है।
अगर क़िस्मत बुरी होती बुरे तब कर्म भाते हैं।
बहारों बिन चमन जैसे नहीं फल-फूल पाते हैं।।

झुके विद्वान आगे मूर्ख के बद भाग्य जो पाया।
हुआ छलनी वो पल्लव शूल से जो भूल टकराया।
यही सच है कि क़िस्मत से विजित भी घात खाते हैं।
बहारों बिन चमन जैसे नहीं फल-फूल पाते हैं।।

नहीं ग़म से मरे क़िस्मत से है इंसान हर ‘प्रीतम’।
है कठपुतली मनुज सच में चलाए रब चले आदम।
कोई हलचल ख़ुदा की चाल बिन सूनी सुझाते हैं।
बहारों बिन चमन जैसे नहीं फल-फूल पाते हैं।।

आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 93 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

चिंता
चिंता
विशाल शुक्ल
"My friend was with me, my inseparable companion,
Chaahat
हाइकु: गौ बचाओं.!
हाइकु: गौ बचाओं.!
Prabhudayal Raniwal
गॉड दैट फेल्ड
गॉड दैट फेल्ड
Shekhar Chandra Mitra
कुछ तो बाक़ी
कुछ तो बाक़ी
Dr fauzia Naseem shad
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Santosh kumar Miri
मुश्किल है जीवन का सफर
मुश्किल है जीवन का सफर
Chitra Bisht
* जिन्दगी में *
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
हमे ऐश्वर्य भोगने की भूख नहीं है।
हमे ऐश्वर्य भोगने की भूख नहीं है।
Rj Anand Prajapati
होलिका दहन
होलिका दहन
Raj kumar
मुहब्बत से हराना चाहता हूं
मुहब्बत से हराना चाहता हूं
अरशद रसूल बदायूंनी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तेरे जाने का गम मुझसे पूछो क्या है।
तेरे जाने का गम मुझसे पूछो क्या है।
Rj Anand Prajapati
तुम
तुम
हिमांशु Kulshrestha
मांनखौ
मांनखौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Dr. Rajeev Jain
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
sudhir kumar
दोहा पंचक. . . नववर्ष
दोहा पंचक. . . नववर्ष
Sushil Sarna
हम हिंदुस्तान हैं
हम हिंदुस्तान हैं
Ahtesham Ahmad
दूरी सोचूं तो...
दूरी सोचूं तो...
Raghuvir GS Jatav
प्रश्रयस्थल
प्रश्रयस्थल
Bodhisatva kastooriya
समाज का डर
समाज का डर
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
2963.*पूर्णिका*
2963.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*अहंकार*
*अहंकार*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं राग पुराना बिस्मिल का l
मैं राग पुराना बिस्मिल का l
शक्ति राव मणि
शिव स्तुति
शिव स्तुति
Arvind trivedi
उन माताओं-बहिनों का मंहगाई सहित GST भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता,
उन माताओं-बहिनों का मंहगाई सहित GST भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता,
*प्रणय प्रभात*
रिश्ते नाते वो मुझसे......, सभी तोड़ कर।
रिश्ते नाते वो मुझसे......, सभी तोड़ कर।
पंकज परिंदा
Loading...