प्रेम की मर्यादा
singh kunwar sarvendra vikram
There can be many ways to look at it, but here's my understa
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
यही हाल आपके शहर का भी होगा। यक़ीनन।।
तुम्हारा यूँ और तुम्हारी बस
कहते हैं लोग भूल जाया कर वो बातें जो मन मे चुभन जगाती हैं...
हाई स्कूल की परीक्षा सम्मान सहित उत्तीर्ण
हिंदी गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
आओ उर के द्वार
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
दिल बयानी में हर शख्स अकेला नज़र आता है,