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30 Jul 2024 · 1 min read

*आया पतझड़ तो मत मानो, यह पेड़ समूचा चला गया (राधेश्यामी छंद

आया पतझड़ तो मत मानो, यह पेड़ समूचा चला गया (राधेश्यामी छंद )
________________________
आया पतझड़ तो मत मानो, यह पेड़ समूचा चला गया
जो प्रबल आस्था रखता है, वह पेड़ न हर्गिज छला गया
फिर उचित समय जब आएगा, नव-सुंदर वृक्ष सजाएगी
जिसको देती है प्रकृति मान, देने अवश्य ही आएगी

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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