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26 Mar 2024 · 1 min read

कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे

कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
चरणों में मस्तक, आए झुकाने तेरे

वंशी की धुन पर, नाचें पुजारी तेरे
मनमोहक छवि तेरी, सारे निहारें तुझे

गाय पुकारें हमे, ग्वाल सभी पुकारें हमे
बरसाने की गलियाँ, पल – पल बुलाएं हमे

तेरे दर्शन की आस है प्रभु जी
तेरी चरण रज की चाह है प्रभु जी

आए मस्तक झुकाने, तुझको आए मनाने प्रभु
तेरी सेवा में खुद को, आए लुटाने प्रभु

चरणों में बिठा लो, अपना सेवक बना लो
भक्ति के रंग में, हमको भिगा दो

गीतों की माला में खुद को पिरो लें
तेरी भक्ति में प्रभु, खुद को डुबो लें

पीर सबके दिल की, मिटा दो प्रभु जी
अपने दर का चिराग, हमे बना दो प्रभु जी

कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
चरणों में मस्तक, आए झुकाने तेरे l

Language: Hindi
1 Like · 109 Views
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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