मरूधरां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अनंत है जिंदगी अनन्त के लिए
नौ देवी वंदना घनाक्षरी छंद
सबकी जिंदगी में कोई ना कोई शख्स ख़ास ज़रूर बनता है
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
बह्र-2122 1212 22 फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन काफ़िया -ऐ रदीफ़ -हैं
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
मैं कुछ दिन घर से दूर क्या गई , 😠
बेसहारों को देख मस्ती में
__________सुविचार_____________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मेहनत करने में जितना कष्ट होता है...
पुराना भूलने के लिए नया लिखना पड़ता है