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28 Feb 2024 · 1 min read

प्रेम साधना श्रेष्ठ है,

प्रेम साधना श्रेष्ठ है,
प्रेम ईश का अंश ।
प्रेम दया का मूल है,
प्रेम हरे हर दंश ।।
✍️अरविन्द त्रिवेदी

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