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19 Aug 2024 · 1 min read

मेरी सुखनफहमी का तमाशा न बना ऐ ज़िंदगी,

मेरी सुखनफहमी का तमाशा न बना ऐ ज़िंदगी,
हम हर रोज़ तेरी जंजालों से यूं ही घिरे रहते हैं

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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