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20 Jul 2024 · 1 min read

श्रंगार

नज़र से नज़र किया मिली दिलों का इकरार हो गया।
बिना पिए ही मौहब्बत का नशा बेशुमार हो गया।
हम तो पीते नहीं थे परन्तु नज़रों ने ऐसा पिलाया ज़ालिम।
होश खो बैठे और मौहब्बत के दरिया में डूबना हो गया।
विपिन

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