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21 Mar 2025 · 1 min read

कथ्य-शिल्प में जान हो, हो परहित का भाव।

कथ्य-शिल्प में जान हो, हो परहित का भाव।
कविता ऐसी कीजिए, भर दे मन के घाव।।

© सीमा अग्रवाल

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