कथ्य-शिल्प में जान हो, हो परहित का भाव।
कथ्य-शिल्प में जान हो, हो परहित का भाव।
कविता ऐसी कीजिए, भर दे मन के घाव।।
© सीमा अग्रवाल
कथ्य-शिल्प में जान हो, हो परहित का भाव।
कविता ऐसी कीजिए, भर दे मन के घाव।।
© सीमा अग्रवाल