Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2021 · 1 min read

सबसे नालायक बेटा

डॉक्टर का यह कहना कि यह आपरेशन रिस्की है जिसमें जान भी जा सकती है,मास्टर साहब को विचलित कर देने वाली बात थी ।आपरेशन के बिना रोग के बढने का खतरा था अतः बहुत सोच-विचारकर मास्टर साहब ने यह आपरेशन करवाने का फैसला लिया था।आज आपरेशन थियेटर में जाते हुए मास्टर साहब के चेहरे पर मृत्यु का भय स्पष्ट दिखाई दे रहा था।
शायद डॉक्टर ने भी इस भय को ताड़ लिया था अतः उसने मास्टर साहब को सहज करने के लिए बातचीत शुरू करते हुए पूछा-आपके परिवार में कौन-कौन है सर?मास्टर साहब हल्की सी मुस्कुराहट के साथ बोले-जी,बहुत बड़ा परिवार है।तीन बेटे-बहू और सात पोते-पोतियाँ।
‘सब लोग साथ में रहते हैं?’
‘नहीं, बड़े बेटे और सबसे छोटे बेटे का परिवार साथ में रहता है।मँझला बेटा रेलवे में है तो वह अपने परिवार के साथ बाहर ही रहता है।’
‘अच्छा,बाकी दो बेटे क्या काम करते हैं?’
‘जी,बड़ा बेटा तो खेती करता है और सबसे छोटा बेटा किसी काम का नहीं है।किसी काम में उसका मन ही नहीं रमता।’
‘आपके साथ यहाँ हास्पिटल में कौन आया है सर?’
‘जी,और किसको फुर्सत है अपने काम से।छोटा वाला ही नालायक और निकम्मा है,जिसके पास कोई काम नहीं है…..यह कहते-कहते मास्टर साहब बेहोशी की दवा की गिरफ्त में आ चुके थे।तभी दरवाजे पर हाथों में आपरेशन की सामग्री तथा आँखों में आंसू लिए मास्टर साहब के छोटे बेटे ने दस्तक दी।
डाक्टर ने सामग्री लिया तथा बेटे को बाहर इंतजार करने को बोलकर आपरेशन थिएटर का दरवाजा बंद कर लिया।

15 Likes · 10 Comments · 1282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

शिवाजी
शिवाजी
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
हिम्मत का सफर
हिम्मत का सफर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
शबरी के राम
शबरी के राम
Indu Singh
रात नहीं सपने बदलते हैं,
रात नहीं सपने बदलते हैं,
Ranjeet kumar patre
**विश्वास की लौ**
**विश्वास की लौ**
Dhananjay Kumar
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित एक मुक्तक काव्य
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित एक मुक्तक काव्य
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
नव वर्ष 2025 की हार्दिक बधाई और हार्दिक शुभकामनाऐं
नव वर्ष 2025 की हार्दिक बधाई और हार्दिक शुभकामनाऐं
Sushil Sarna
शाम कहते है
शाम कहते है
Sunil Gupta
मनमाने तरीके से रिचार्ज के दाम बढ़ा देते हैं
मनमाने तरीके से रिचार्ज के दाम बढ़ा देते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ग़ज़ल __ दुआ देने से दुनिया में, दुआएं कम नहीं होती।
ग़ज़ल __ दुआ देने से दुनिया में, दुआएं कम नहीं होती।
Neelofar Khan
बुंदेली दोहा -चपेटा संकलन - राजीव नामदेव राना लिधौरी
बुंदेली दोहा -चपेटा संकलन - राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Bodhisatva kastooriya
घर और जीवन
घर और जीवन
Saraswati Bajpai
नव रश्मियों में
नव रश्मियों में
surenderpal vaidya
मेरे भाव मेरे भगवन
मेरे भाव मेरे भगवन
Dr.sima
चुनाव 2024....
चुनाव 2024....
Sanjay ' शून्य'
अच्छा नहीं कर सकते तो------------------- ?
अच्छा नहीं कर सकते तो------------------- ?
gurudeenverma198
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
SURYA PRAKASH SHARMA
" वक्त "
Dr. Kishan tandon kranti
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
24/235. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/235. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कविता
कविता
Rambali Mishra
जल का महत्व
जल का महत्व
कार्तिक नितिन शर्मा
Mental health is not a luxury but a necessity .
Mental health is not a luxury but a necessity .
पूर्वार्थ
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
हर मर्द ये चाहता है
हर मर्द ये चाहता है
Urmil Suman(श्री)
- गुरूर -
- गुरूर -
bharat gehlot
औरों के लिए सोचना ,अब छोड़ दिया हैं ।
औरों के लिए सोचना ,अब छोड़ दिया हैं ।
rubichetanshukla 781
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...