उनके मन की वेदना

उनके मन की वेदना
घर की टाॅंड़ पर धरे
अतिरिक्त सामान की तरह
इग्नोर होती रहती है
लाचारों के जीवन में
वार्षिक त्योहार
नहीं आता।
रश्मि ‘लहर’
उनके मन की वेदना
घर की टाॅंड़ पर धरे
अतिरिक्त सामान की तरह
इग्नोर होती रहती है
लाचारों के जीवन में
वार्षिक त्योहार
नहीं आता।
रश्मि ‘लहर’