कुछ हाल बतानें आई हु आज एक बात सुनाने आई हु कि सिर्फ वक्त ही

कुछ हाल बतानें आई हु आज एक बात सुनाने आई हु कि सिर्फ वक्त ही नहीं हालात बदलते देखें हैं मेंने अपनों को बदलता देखा है मैंने बेगानों में अपनापन देखा है क्या कहुं मैंने धर्म मज़हब पर लोगों को झगड़ते देखा है तो वहीं मैंने धर्म मज़हब में भेदभाव न रखने वाले देश के जवान को शीत गर्मी सहते देखा है