कुछ रिश्ते भी बंजर ज़मीन की तरह हो जाते है
रफ़ता रफ़ता न मुझको सता ज़िन्दगी.!
बुंदेली_मुकरियाँ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मन में शुचिता लेकर पूजो, विद्या की देवी माता को (राधेश्यामी
दिन देखे नहीं, देखे नहीं रात
हैं दुनिया में बहुत से लोग इश्क़ करने के लिए,