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16 Feb 2024 · 1 min read

आखिर क्यों सबको भरमाया।

क्यों नहीं समझ अब तक पाया
क्यों नहीं समझ अब तक आया

हर चीज यहाँ पर ठीक बनी
हर चीज में है तेरा फेरा
पर बहुत समझना है मुश्किल
क्या है तेरा क्या है मेरा
मेरा मेरा करते करते
हो जाता भ्रम का है फेरा
तेरा तेरा सब है तेरा
मैं भी तेरा जग भी तेरा
सब कुछ तेरा ही है पाया
क्यों नहीं समझ अब तक आया
आखिर क्यों सबको भरमाया।
सब व्यर्थ यहाँ दुनियांदारी
तेरा है क्या क्या है मेरा
आखिर है सब माटी माटी
सब माटी रैन बसेरा
फिर तेरी ही सब है माया
आखिर है जग तेरा जाया
तू कर दे सब माटी माटी
औ दे दे निज शीतल छाया

आखिर क्यों सबको भरमाया

क्यों नहीं समझ अब तक पाया
क्यों नहीं समझ अब तक आया

Language: Hindi
120 Views
Books from अनुराग दीक्षित
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