भूख
भूख
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सड़क पर अपनी भूख मिटाते एक कुत्ते को देख चीथड़ों में लिपटा कई दिनों से भूखा एक व्यक्ति पत्थर लेकर उस कुत्ते के पास दौड़ा और उसके मुँह से रोटी छीनने का प्रयास करने लगा।पहले तो कुत्ते ने रोटी बचाने का पूरा प्रयास किया पर जब उसे लगा कि यह मेरा भोजन छीन लेगा तब उस कुत्ते ने उस भूखे से कहा-
“मेरे भूखे भाई,छीन क्यों रहे हो,पत्थर लेकर क्यों आ रहे हो ,यह संसद थोड़े ही है,यह सड़क है,यहाँ का कानून और वातावरण दूसरा है,तुम मेरे हो,मैं तेरा हूँ,यहाँ हम मिल बैठकर विचार कर सकते हैं,आधी रोटी तुम खा लो,मैं तुम्हारे खाने तक प्रतीक्षा करूँगा,इच्छा हो तो आधी रोटी और ले लेना,मैं फिर तलाश करूँगा रोटियाँ, तुम्हारे लिए भी और अपने लिए भी पर मेरे भाई सड़क को बदनाम मत कर,इसे संसद मत बना।”
–अनिल कुमार मिश्र,राँची,झारखंड।