ख़िलाफ़ खड़े सिर कुचल दिए, इसान थोड़ी है
सदाचार है नहिं फलदायक
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
दिल किसी का भी हो पत्थर का तो होता नहीं है मगर यहाँ कुछ लोग
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
आप सभी को ईद उल अजहा मुबारक हो 🌹💖
परीक्षा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
और वो एक कंपनी का “COO” हो गया.
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी
"एक पैगाम देश की मिट्टी के नाम"
जब हम गरीब थे तो दिल अमीर था "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी