अंदाज़े बयां
अंदाज़े बयां
क्या करें कि रोशन हो जाए ये फिज़ां , मुहब्बत के ख़ुलूस से
क्या करें कि खिल जाए ये फिज़ां , पाक रिश्तों के ख़ुलूस से |
क्या करें कि सबकी जुबां पर , नाम हो उस पाक खुदा का
क्या करें कि रोशन हो जाए ये जमीं , इंसानियत के ख़ुलूस से ||
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”