रिश्तों की डोर
भरोसो ऐसे चीज ज्यो टूटै,
त्यों जुड़ सकए नाहि।
टूटै तो सौ बार जुड़ सकए
जुड़ी सौ बार .. जुड़े
फिर एक होवए…नाहि
हिय उतरै, अंखियन गिरए ,
उतरै नैनन चढ़ सकए नाहि
जिय गांठ बनै, गठियन पड़े हिय हुक उठए,
अंतस बसै नाहि
ज्यो टूटे भरम ,अहम टकराए हित प्रीत के रिश्ते पल में उलझ जाए नैन नीर भर अश्रु देवत सुझाए
जब उलझे रिश्तों की डोर धीर धरए सुलझाइए