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24 Oct 2024 · 1 min read

*साम्ब षट्पदी---*

साम्ब षट्पदी—
24/10/2024

(1)- प्रथम-तृतीय तथा चतुर्थ-षष्ठम तुकांत

अन्वेषण।
करता छंदों का,
देता कोई आमंत्रण।।
लक्ष्य यही जीवन पथ का,
कोई दूसरा मुझे भाता ही नहीं,
उनको सारथी पाया जीवन रथ का।।

(2)- प्रथम-द्वितीय, तृतीय-चतुर्थ, पंचम-षष्ठम तुकांत

निमंत्रण।
ज्ञान का वर्षण।।
चाहता कोई भिगाना।
मैंने भी अब प्रण है ठाना।।
अद्भुत ज्ञान का प्रस्तार करूँगा।
ओजस्विता से हर तमस को हरूँगा।।

(3)- द्वितीय-चतुर्थ तथा षष्ठम, प्रथम तुकांत

उद्धरण।
जब बनते हो।
पाते अमरत्व कण,
सारी अज्ञानता हनते हो।।
उद्देश्य पूरा होता है जीवन का,
परम शांति की अनुभूति आमरण।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)

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