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27 Feb 2024 · 1 min read

अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो

माथे पे सौंधी मिट्टी का चंदन हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो

सारा समर्पण कर के चला हूँ
आँचल भू के मिट्टी में पला हूँ
जेष्ठ के दोपहरी में भी जला हूँ
प्रहरी बन कर सीमा पर भला हूँ
संस्कृति से सजता मेरा चमन हो
माथे पे सौंधी मिट्टी का चंदन हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो

Language: Hindi
2 Likes · 450 Views
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