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13 Jul 2024 · 1 min read

अगर तू मेरी जान हो जाए

अगर तू मेरी जान हो जाए,
फिर तो ये आलम भी बदगुमान हो जाए।

मुझे ही देखे तू हर जगह हमेशा,
महफिल में भी बस मुझ्पर तेरा ध्यान हो जाए।

हलचल सी मच जाएगी चारों ओर,
दिल में भी अपने तूफ़ान हो जाए।

बस तुम लिखो और मैं गुनगुनाऊं,
तेरी कलम मेरी ज़ुबान हो जाए।

निकलेगी झूमके चांद तारों की बारात,
पूरा ये रौशनी का अरमान हो जाए।

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