Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2024 · 1 min read

* बातें व्यर्थ की *

** कुण्डलिया **
~~
आ जाओ अब पास में, क्यों रहते हो दूर।
लेकर बातें व्यर्थ की, क्यों रहते हो चूर।
क्यों रहते हो चूर, जिन्दगी जीकर देखो।
और स्नेह रस नित्य, हर्ष से पीकर देखो।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, दूरियां सभी मिटाओ।
कल की बीती भूल, निकट जल्दी आ जाओ।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आओ देखें छोड़कर, नफरत ईर्ष्या द्वेष।
और सभी से स्नेह का, कार्य करें शुभ शेष।
कार्य करें शुभ शेष, जिन्दगी सफल बनाएं।
और प्रगति की राह, निरंतर बढ़ते जाएं।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, साथ मिल कदम बढ़ाओ।
हर दुविधा को छोड़, साथ मिल देखें आओ।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
नफ़रत ईर्ष्या से सदा, रखें स्वयं को दूर।
और द्वेष के कार्य में, मत हो जाना चूर।
मत हो जाना चूर, सभी को दोस्त बनाएं।
और समय पर खूब, काम भी सबके आएं।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, करें हम सब का स्वागत।
रखें हृदय को स्वच्छ, कभी न पालें नफ़रत।
~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २४/०४/२०२४

1 Like · 1 Comment · 97 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

"चिन्ता"
Shakuntla Agarwal
एक बार हमें है मिलती ये जिंदगी भी यारों
एक बार हमें है मिलती ये जिंदगी भी यारों
Shinde Poonam
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
Rj Anand Prajapati
......,,,,
......,,,,
शेखर सिंह
जाती जनगणना की हवामिठाई का सच |
जाती जनगणना की हवामिठाई का सच |
Harinarayan Tanha
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे
आर.एस. 'प्रीतम'
2518.पूर्णिका
2518.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
स्वेटर का झमेला
स्वेटर का झमेला
Vivek Pandey
खुशियों की आँसू वाली सौगात
खुशियों की आँसू वाली सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बाबा रामदेव जी
बाबा रामदेव जी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
Otteri Selvakumar
*चांद नहीं मेरा महबूब*
*चांद नहीं मेरा महबूब*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
- आंसुओ की कीमत -
- आंसुओ की कीमत -
bharat gehlot
कहते हैं पानी की भी याद होती है,
कहते हैं पानी की भी याद होती है,
Ritesh Deo
Colours of Life!
Colours of Life!
R. H. SRIDEVI
आज फिर दिल ने
आज फिर दिल ने
हिमांशु Kulshrestha
बात जुबां से अब कौन निकाले
बात जुबां से अब कौन निकाले
Sandeep Pande
" कद्र "
Dr. Kishan tandon kranti
बस भी करो यार...
बस भी करो यार...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
जिस रिश्ते में
जिस रिश्ते में
Dr fauzia Naseem shad
झील
झील
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
Manisha Manjari
#शारदीय_नवरात्रि
#शारदीय_नवरात्रि
*प्रणय*
अनसोई कविता............
अनसोई कविता............
sushil sarna
"हमारे बच्चों के भविष्य खतरे में हैं ll
पूर्वार्थ
"आशा" के दोहे '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
“ भाषा की मृदुलता ”
“ भाषा की मृदुलता ”
DrLakshman Jha Parimal
होते हम अजनबी तो,ऐसा तो नहीं होता
होते हम अजनबी तो,ऐसा तो नहीं होता
gurudeenverma198
हां मैं उत्तर प्रदेश हूं,
हां मैं उत्तर प्रदेश हूं,
Anand Kumar
देशभक्ति
देशभक्ति
पंकज कुमार कर्ण
Loading...